KneePain: आपके भी घुटने में होता है दर्द, तो जान लें पानी पीने का सही तरीका

KneePain : क्या खड़े होकर पानी पीने से खराब हो जाते हैं घुटने ? : आपने अपने आसपास कई सारे ऐसे लोग देखे होंगे जो खान-पान के दौरान विभिन्न प्रकार के नियम और रीति रिवाज का पालन करते हैं। आमतौर पर स्वस्थ जीवन जीने के लिए खान-पान को लेकर कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है । इन्हीं में से एक नियम है खड़े होकर पानी न पीने का।  आपने अपने आसपास कई बड़े बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए । यह पानी यह शरीर को नहीं लगता बल्कि इससे जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है । इस वाक्य में कितनी सच्चाई है और क्या खड़े होकर पानी पीना आपके लिए हानिकारक होता है इसी बात का खुलासा हम आज के इस लेख में करने वाले हैं।

KneePain: खड़े होकर पानी पीने से घुटनों में दर्द?

जैसा कि हम सब जानते हैं पानी हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए हमें दिन भर में ढेर सारा पानी पीना पड़ता है । बड़े बुजुर्गों का तो यह भी कहना होता है कि खाना भले ही कम खाओ  परंतु पानी भरपूर पियो, क्योंकि पानी आपके शरीर से सारे जहरीले तत्वों को बाहर निकलता है और साथ ही साथ आपकी पेट की सेहत को भी बनाए रखता है। पानी पीने से जहां आप अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं वही ज्यादा पानी पीने से आपकी स्किन में चमक भी आती है ऐसे में रोजाना सही मात्रा में पानी पीना बेहद आवश्यक होता है ।

जैसा कि हम सब जानते हैं पानी पीना हमारी सेहत के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है । परंतु पानी पीने को लेकर घर के बड़े बुजुर्ग कुछ महत्वपूर्ण नियम और कायदे भी बताते हैं कि पानी हमेशा आराम से ,धीरे धीरे घूंट  भर भर कर पीना चाहिए। वहीं खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए । इसके अलावा दौड़ते हुए या लेट कर भी पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह पानी आपके शरीर को नहीं लगता बल्कि इस पानी से आपके जोड़ों में दिक्कत होती है। परंतु इस बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में हम में से कोई नहीं जानता। आज के इस लेख में हम इसी बात पर विस्तारित रूप से चर्चा करने वाले हैं कि क्या खड़े होकर पानी पीने से सच में घुटनों पर कोई असर पड़ता है?

क्या कहता है मेडिकल साइंस KneePain पर

जैसा कि हम सब जानते हैं हम कुछ भी खाएं या पिए वह हमारे मुंह से होते हुए फूड पाइप के माध्यम से सीधा हमारे पेट और आंतों में जाता है। तो ऐसे में यह बिल्कुल भी संभव नहीं है कि खड़े होकर पानी पीने से पानी सीधा घुटनों में चला गया हो और घुटनों पर इसका कोई विपरीत प्रभाव हो । मेडिकल साइंस का भी यही कहना है कि खड़े होकर पानी पीने वाली बात और उसकी वजह से जोड़ों के दर्द बढ़ने वाली बात में कोई भी दम नहीं है। वहीं मेडिकल साइंस भी इस बात पर किसी प्रकार का कोई सबूत नहीं पेश कर पता है कि खड़े होकर पानी पीने से आपके घुटने खराब होते हैं बल्कि मेडिकल साइंस का यह कहना है कि हमेशा जरूरत अनुसार, आराम से और धीरे-धीरे पीना चाहिए। परंतु इसे खड़े होकर पीना चाहिए या बैठकर पीना चाहिए ऐसी कोई बात मेडिकल साइंस ने नहीं कही है

  • पानी पीने के सही तरीके की यदि बात करें तो मेडिकल साइंस के माध्यम से अथवा डाइटिशियन के अनुसार हमें रोजाना चार से पांच लीटर पानी पीना चाहिए ।
  • वही यदि आप अपनी सीमा से ज्यादा पानी पीते हैं तो भी आपकी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है ।
  • पानी हमेशा आराम से और एक-एक घूंट करके पीना चाहिए।
  • इसके अलावा हमेशा पानी पीते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि खाना खाने से एकदम पहले और एकदम बाद में पानी न पिए इससे आपकी पेट की सेहत खराब हो सकती है ।
  • इसके अलावा हमेशा कोशिश करें कि एकदम ठंडा पानी न पिए बल्कि सामान्य तापमान पर रखा हुआ पानी या गुनगुना पानी पीने की कोशिश करें।

जैसा कि हमने आपको बताया पानी पीना आपकी सेहत के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है। पानी पीने से आपके शरीर में से सारे जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा खाना पचाने के दौरान भी पानी का बहुत बड़ा रोल होता है। आप जो भी खाते हैं उसे पचाने के लिए शरीर पानी का इस्तेमाल करता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी की वजह से आपको पेट से संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है । इसके साथ ही आपके स्किन मॉइश्चराइजर और हाइड्रेशन भी कम पानी की वजह से खराब हो सकते हैं ।ऐसे में हमेशा कोशिश करें कि दिन भर में करीबन 4 से 5 लीटर पानी जरूर पिए।

निष्कर्ष

इस प्रकार मेडिकल साइंस अथवा जानकारों की माने तो पानी पीने के कोई विशेष नियम या कानून नहीं है । परंतु फिर भी यदि आप अपने आप को तंदुरुस्त रखना चाहते हैं तो दिन में तीन से चार लीटर पानी निश्चित रूप से पिए । इसी के साथ ही आराम से और घूंट भर भर कर पानी पिए । वहीं मेडिकल साइंस के अनुसार खड़े होकर या बैठकर पानी पीने से आपके घुटनों पर किसी प्रकार का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।

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